इस्लाम ग़लतफहमियां जिहाद पवित्र कुरआन राजनीतिक मुद्दे सवाल-ओ-जवाब

ख़ुदा के फ़ैसले !

रसूलों की तरफ़ से इत्मामे हुज्जत1 के बाद अगर उनको और उनके साथियों को ज़मीन के किसी हिस्से में सत्ता मिल जाए तो ख़ुदा का फ़ैसला है कि उनका इन्कार करने वालों के लिए दो ही सूरतें हैं: उनमें अगर मुशरिकीन (बहुदेवतावादी) होंगे तो क़त्ल कर दिए जाएँगे और किसी न किसी दर्जे में तौहीद…

इतिहास ग़लतफहमियां निकाह और तलाक़ महिलाओं से संबंधित विचार विमर्ष सवाल-ओ-जवाब

सैय्यदा आइशा (रज़ि.) की उम्र

आम तौर पर माना जाता है कि पैग़म्बर मुहम्मद स.अ.व. के साथ निकाह के वक़्त उम्मुल मोमिनीन (मुसलमानों की माँ) सैय्यदा आइशा (रज़ि.) की उम्र 6 साल थी। ये निकाह पैग़म्बर मुहम्मद स.अ.व. की पहली पत्नी सैय्यदा खदीजा (रज़ि.) की मृत्यु के बाद मक्के में हुआ था। सैय्यदा आइशा (रज़ि.) विदाई इसके तीन साल बाद…

ग़लतफहमियां दण्ड विधान

इस्लाम छोड़ने की सज़ा !

हमारे कानूनविदों (फुक्हा) का मानना है कि स्वधर्म त्याग यानी इर्तेदाद की सज़ा मौत है। हम इस राय को ठीक नहीं मानते। इसका विश्लेषण करते हुए ग़ामिदी साहब लिखते हैं[1]: स्वधर्म त्याग की यह सज़ा एक हदीस को समझने में गलती से पैदा हुई है। यह हदीस ‘अब्दुल्लाह इब्न अब्बास (रज़ि.) ने रवायत की है और…

ग़लतफहमियां महिलाओं से संबंधित

औरत की दियत

दियत एक तरह का जुर्माना है जो क़ातिल मरने वाले के खानदान वालों को इस सूरत में अदा करता है जब वह उसे माफ़ कर दें। आमतौर पर माना यह जाता है कि औरत की दियत उससे आधी है जितना एक मर्द की हत्या के मामले होती। अब कुरआन की उस आयत को देखते हैं जिसमें…

ग़लतफहमियां महिलाओं से संबंधित

औरत की गवाही

ज़्यादातर फुक्हा (कानूनविदों) की राय में औरत की गवाही (जिन मामलों में उन्हें स्वीकार्य है) मर्द की गवाही के मुक़ाबले में आधी है।[1] वह अपनी इस राय की बुनियाद कुरआन की निम्नलिखित आयत पर रखते हैं: وَاسْتَشْهِدُوا شَهِيدَيْنِ مِن رِّجَالِكُمْ  فَإِن لَّمْ يَكُونَا رَجُلَيْنِ فَرَجُلٌ وَامْرَأَتَانِ مِمَّن تَرْضَوْنَ مِنَ الشُّهَدَاءِ أَن تَضِلَّ إِحْدَاهُمَا فَتُذَكِّرَ إِحْدَاهُمَا الْأُخْرَىٰ [٢:…

ग़लतफहमियां सवाल-ओ-जवाब

क़ुरबानी के बदले दान या सदका देना

कुछ लोगों का मानना है कि ईद पर किसी भेड़-बकरी की बलि (क़ुरबानी) करने के बजाय उसके बराबर पैसा दान में दिया जा सकता है। यह धारणा (तसव्वुर) सही नहीं है, इसको ज़रा विस्तार में समझते हैं: हर इंसान जो अल्लाह पर यकीन रखता है, उसके लिए दो दायरों में रिश्ते वजूद में आते हैं।…

ग़लतफहमियां सवाल-ओ-जवाब

क्या अल्लाह ने इस्माइल (स.व) की क़ुरबानी मांगी थी ?

आमतौर पर यह माना जाता है कि अल्लाह ने इब्राहिम (स.व) से उनके बेटे की क़ुरबानी मांगी थी। यह तो सही है कि क़ुरबानी से उन्हें बचा लिया गया पर सवाल यह है कि क़ुरबानी आखिर मांगी क्यों गयी थी ? मामले को समझा जाये तो असल में अल्लाह ने कभी इब्राहीम (स.व) को अपने…

इबादत (उपासना पद्धति) ग़लतफहमियां

अस्र की नमाज़ के बाद सजदा और इबादत

मुसलमानों में आमतौर पर यह माना जाता है कि अस्र की नमाज़ के बाद मग़रिब तक नमाज़ पढ़ना या सजदा करना मना है। यहाँ यह बात साफ़ कर लेनी चाहिए कि रसूलअल्लाह (स.व) की सुन्नत के मुताबिक जिन वक्तों में नमाज़ नहीं पढ़ी जा सकती वह सिर्फ सूरज के निकलने (सूर्योदय) और उसके डूबने (सूर्यास्त)…

इबादत (उपासना पद्धति) ग़लतफहमियां

नज़र और मन्नत माँगना

काफी लोग मानते हैं कि नज़र और मन्नत माँगना इस्लाम में एक पसंद किया जाने वाला काम है। मिसाल के तौर पर अल्लाह से अहद (प्रण) करना कि मुराद पूरी होने पर हम एक तय संख्या में रोज़े (उपवास) रखेंगे या एक तय संख्या में नफ्ल (स्वैच्छिक) नमाज़ अदा करेंगे। यहाँ यह बात जान लेना…

हदीसों की स्वतंत्र व्याख्या
ग़लतफहमियां हदीस

हदीसों की स्वतंत्र व्याख्या

हदीस की व्याख्या (तशरीह) में आम तरीका है कि हर हदीस को स्वतंत्र रूप से समझा जाता है भले ही खबर के अलग-अलग संस्करण हों जिनमें अलग बाते बयान हो रही हों। इसका नतीजा यह निकलता है कि वह पूरी तस्वीर सामने नहीं आ पाती जिसके बारे में हुक्म दिया गया था और अधूरी जानकारी…