ग़लतफहमियां विचार विमर्ष

ईसा (स.व) की वापसी के बारे में…

मुसलमानों में आम तौर पर माना जाता है कि जब दुनिया का अंत करीब होगा तो ईसा (स.व), जिनको दुनिया से ज़िन्दा उठा लिया गया था, वापस आयेंगे और उनका यह दूसरी बार आना असल में कयामत की एक निशानी होगा। इस मुद्दे का विश्लेषण (तजज़िया) करते हुए ग़ामिदी साहब लिखते हैं: [1] जहाँ तक उन…

Misconceptions कला और मनोरंजन ग़लतफहमियां

तस्वीर और आकृतियां

ऐसा माना जाता है कि इस्लाम में जीवन रखने वाली चीज़ों की तस्वीर या आकृति बनाना हराम है।[1] बदकिस्मती से इस मुद्दे पर इस्लाम के रुख को समझने में बड़ी ग़लतफ़हमी हुई है। यह बात बिलकुल सही नहीं है कि इस्लाम में तस्वीरें और चित्र पूरी तरह से हराम हैं। इस्लाम ने सिर्फ उन तस्वीरों पर…

ग़लतफहमियां विचार विमर्ष

इस्तिखारा और ख़वाब

लोग आम तौर पर यह मानने लगे हैं कि इस्तिखारे के ज़रिये वह किसी भी मामले में यकीनी तौर पर अल्लाह की मर्ज़ी जान सकते हैं। यहाँ तक कि इसके लिए वह पेशेवर इस्तिखारे करने वाले के पास भी जाते हैं। यह बात समझने की ज़रूरत है कि इस्तिखारा और कुछ नहीं बल्कि अल्लाह से…

Misconceptions कला और मनोरंजन ग़लतफहमियां

गाने और संगीत के बारे में

आम तौर पर यह माना जाता है कि ललित कलाओं (fine arts) को लेकर इस्लाम का रवैया बहुत उत्साहजनक या बहुत अच्छा नहीं है। इस्लाम इंसान की फितरत में मौजूद सौन्दर्य-बोध (जमालियात और खूबसूरती के एहसास) को ना ही ज़्यादा महत्व (अहमियत) देता है और ना उसे विकसित होने का मौका देता है, उदाहरण के तौर…

ग़लतफहमियां महिलाओं से संबंधित सवाल-ओ-जवाब

क्या महिलाएं पुरुषों से हीन (कमतर) हैं ?

कुछ लोग मानते हैं कि मर्द औरतों से बेहतर हैं और इस के लिए वह निम्नलिखित आयत का हवाला देते हैं: الرِّجَالُ قَوَّامُونَ عَلَى النِّسَاءِ بِمَا فَضَّلَ اللَّهُ بَعْضَهُمْ عَلَىٰ بَعْضٍ وَبِمَا أَنفَقُوا مِنْ أَمْوَالِهِمْ [٤: ٣٤] मर्द औरतों के सरबराह (प्रमुख)बनाये गए हैं, इसलिए कि अल्लाह ने एक को दूसरे पर बड़ाई दी है, और इसलिए…

Faiths and Beliefs Misconceptions ग़लतफहमियां महिलाओं से संबंधित सवाल-ओ-जवाब

क्या नरक में महिलाएं अधिक होंगी ?

निम्नलिखित हदीस को इस बात के समर्थन में पेश किया जाता है कि नरक में महिलाएं पुरुषों से अधिक संख्या में होंगी: अबू सईद ख़ुदरी रवायत करते हैं: “रसूलअल्लाह (स.व) ईद-उल-अज़हा या ईद-उल-फ़ित्र के दिन नमाज़ के लिए निकले। वह महिलाओं के पास से गुज़रे तो उनसे फरमाया: ‘ऐ महिलाओं, दान (सदका) दो इसलिए कि…

Misconceptions ग़लतफहमियां महिलाओं से संबंधित सवाल-ओ-जवाब

महरम के साथ सफ़र की शर्त

अधिकतर विद्वानों (आलिमों) की राय है कि महिलाएं अकेले सफ़र नहीं कर सकतीं। उनके साथ कोई महरम (कोई ऐसा रिश्तेदार जिसके साथ शादी नहीं की जा सकती) होना ज़रूरी है। इसलिए उन्हें किसी यात्रा, जैसे की हज पर भी अकेले जाने की इजाज़त नहीं है। निम्नलिखित हदीसें इस राय का आधार (बुनियाद) हैं: अबू हुरैरा रसूलअल्लाह (स.व)…

Misconceptions ग़लतफहमियां महिलाओं से संबंधित सवाल-ओ-जवाब

क्या औरतें मर्दों से कम अक्ल हैं ?

निम्नलिखित हदीस को आधार (बुनियाद) बनाकर कुछ लोग कहते हैं कि महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले बुद्धि और विवेक (अक्ल-औ-हिकमत) कम होता है:  अबू सईद ख़ुदरी से रवायत हैं: “रसूलअल्लाह (स.व) ईद-उल-फ़ित्र या ईद-उल-ज़ुहा के मौके पर नमाज़ के लिए जा रहे थे। वह जब कुछ औरतों के पास से गुज़रे तो फ़रमाया: ‘बावजूद नाकिसात…

Economic Issues Misconceptions अन्य धर्म आर्थिक मुद्दे ग़लतफहमियां

गैर-मुस्लिमों को ज़कात

कुछ लोगों का मानना है कि ज़कात किसी गैर-मुस्लिम को नहीं दी जा सकती। यह राय ठीक नहीं है। कुरआन की निम्नलिखित आयत बताती है कि ज़कात कहाँ-कहाँ खर्च की जा सकती है: إِنَّمَا الصَّدَقَاتُ لِلْفُقَرَاءِ وَالْمَسَاكِينِ وَالْعَامِلِينَ عَلَيْهَا وَالْمُؤَلَّفَةِ قُلُوبُهُمْ وَفِي الرِّقَابِ وَالْغَارِمِينَ وَفِي سَبِيلِ اللَّهِ وَابْنِ السَّبِيلِ  فَرِيضَةً مِّنَ اللَّهِ  وَاللَّهُ عَلِيمٌ حَكِيمٌ…

ग़लतफहमियां महिलाओं से संबंधित सामाजिक मुद्दे

इस्लाम में गुलाम और लौंडी  

लेखक:  जावेद अहमद ग़ामदी संकलन: शेहज़ाद सलीम अनुवाद : मुहम्मद असजद इस्लाम के बारे में कई अन्य गलत धारणाओं (तसव्वुर) में से एक धारणा यह भी है कि इस्लाम गुलामी को मंजूरी देता है और अपने मानने वालों को इजाज़त देता है कि वह युद्ध के कैदियों, खासकर महिलाओं को दासी बनाएं और उनसे विवाहेतर (extra-marital) संबंध रखें।…